आ चल इश्क़ हम खुल के करें आ चल इश्क़ हम खुल के करें
गहरे समंदर की सैर करने फिर से तैयार हो जाओ कश्ती तैयार है। गहरे समंदर की सैर करने फिर से तैयार हो जाओ कश्ती तैयार है।
मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है , मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है ,
वो शख्स जिसकी आकृति बसती मेरे जेहन में है, है वही बसता मेरी कविताओं की धड़कन में है। वो शख्स जिसकी आकृति बसती मेरे जेहन में है, है वही बसता मेरी कविताओं की धड़कन म...
सीधा सादा भोला भाला और स्वभाव से निराला रहता हूँ मैं जनम से धनबाद में। सीधा सादा भोला भाला और स्वभाव से निराला रहता हूँ मैं जनम से धनबाद में।
वेद, पुराण व शास्त्र ॐ है, संकट में ब्रह्मास्त्र ॐ है। वेद, पुराण व शास्त्र ॐ है, संकट में ब्रह्मास्त्र ॐ है।